Share your concerns : INFOPOWER - as information seeker / JAGO GRAHAK - as consumer / Voters Forum - as voter / Loud Thinking - on corruption / MANAK - as citizen

My other blogs - hasya-vyang / Kavya Kunj / Pragati Blog / Pragati Parichay / Sab Ka Malik Ek hai / Tasvir Bolti Hai / Kishu-Sia Ki Duniya
______________________________________________________________________________________________________________________
धर्म के आधार पर लोगों को विभाजित करने की कुत्सित राजनीति हमारे देश को घोर नुक्सान पहुंचा रही है. नागरिकों की कितनी ही ऊर्जा आपस के झगड़ों में नष्ट हो जाती है. अगर इस ऊर्जा का संचय किया जाय और उसे राष्ट्र निर्माण में लगाया जाय तब हमारे देश को विश्व का शिरमौर बनने में देर नहीं लगेगी.

India Against Corruption - A Jan Lokpal Bill has been designed which has strong measures to bring all corrupt people to book. Join the cause and fight to force politicians to implement this powerful bill as an act in the parliament.

Wednesday, March 30, 2011

Appeal - fast with Anna hazare

Watch this video till the end. Listen to what your children say.

Fast with Anna Hazare, at jantar Mantar, in your office, at your home, wherever you are on 5th April 2011.

<iframe title="YouTube video player" width="380" height="320" src="http://www.youtube.com/embed/2eJnyPRWHzc" frameborder="0" allowfullscreen></iframe>

Thursday, March 24, 2011

Message from Dr Kiran Bedi

Anna Hazare is starting indefinite fast at 10 AM on 5th April 2011 at Jantar Mantar. This is a second freedom movement to free India of corruption. Join it and become a Freedom Fighter.

Wednesday, March 23, 2011

India Against Corruption - Rallies across India

<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<iframe allowfullscreen="" frameborder="0" height="300" src="http://www.youtube.com/embed/gmWyv9OrBCw" title="YouTube video player" width="350"></iframe></div>

Tuesday, March 22, 2011

गैर-कानूनी मस्जिद बनेगी कानूनी मस्जिद

कहानी है एक ऐसी मस्जिद की, जिसे अदालत ने गैर-कानूनी करार दिया और डीडीए को उसे तोड़ने का आदेश दिया. डीडीए ने तोड़ दिया, बबाल मच गया, शाही ईमाम ने लोगों को भड़का दिया, लोग सड़क पर आ गए और जम कर तोड़-फोड़ की. दिल्ली की मुख्य मंत्री ईमाम के दरबार में हाजिर हुईं और मस्जिद फिर से बनाने का वादा किया. आखिर मुस्लिम वोट बेंक की बात थी, उसे बचाने की कवायद शुरू हो गई. आगे क्या हुआ उसे जानने के लिए मेरी पिछली पोस्ट पढ़िए. अब क्या हो रहा है उसे जानने के लिए साथ की इमेज पर क्लिक कीजिए.

सरकार ने बात एक दम साफ़ कर दी है. सरकारी (डीडीए) की जमीन पर गैर-कानूनी मस्जिद बना दीजिये. अगर मामला अदालत पहुँच जाए और मस्जिद को तोड़ दिया जाय तब तोड़ फोड़ करिए. सरकार (डीडीए) आप को कुछ दूर पर जमीन देगी जहाँ आप कानूनी तौर पर मस्जिद बना सकते हैं. प्यारे मुस्लिम भाइयों, बस अपना वोट कांग्रेस को देते रहना.

हिन्दुओं सावधान, यह स्कीम आप के लिए नहीं है.

Tuesday, February 22, 2011

जनता का वोट बैंक भ्रष्टाचार के खिलाफ

चलो जंतर मंतर, ०१ अप्रैल २०११, अपनी आवाज उठाओ भ्रष्टाचार के खिलाफ

Saturday, January 22, 2011

यह कैसा कानून है ??? यह कैसा निर्णय है ???

डी. डी. ए. भूमि
अतिक्रमण करना दंडनीय अपराध है


यह बोर्ड लगा है जंगपुरा में उस स्थान पर जहाँ अतिक्रमण करके एक अवैध मस्जिद बना दी गई थी. अदालत ने निर्णय दिया कि यह जमीन डीडीए की है.  अदालत ने डीडीए को आदेश दिया, मस्जिद को गिरा दो, अपनी जमीन वापस लो. डीडीए ने मस्जिद गिरा दी. अतिक्रमणकर्ता हिंसक हो उठे, कारों और बसों को नुकसान पहुँचाया. दिल्ली की मुख्य मंत्री और शाही ईमाम दंगाइयों के साथ खड़े हो गए. मुख्य मंत्री ने वचन दिया, मैं मस्जिद बनबाउंगी. मस्जिद नहीं थी पर फिर भी वहां नमाज पढने की इजाजत दी गई. जंगपुरा आरडब्लूए ने अदालत की मानहानि का मुकदमा दायर किया. अदालत अब तक नर्म पड़ चुकी थी. अदालत को इस में कोई अवमानना नजर नहीं आई. दो महीने तक डीडीए की जमीन पर १० अतिक्रमण करने वालों को नमाज पढ़ने की इजाजत दे दी गई. अदालत ने कहा इस समय में मामला निपटा लो.

हमारी कुछ समझ में नहीं आया. जमीन डीडीए की है. जमीन पर अतिक्रमण हुआ है, जो एक दंडनीय अपराध है, अदालत  के आदेश पर अतिक्रमण हटा दिया गया था, अदालत ने डीडीए को आदेश दिया था, अपनी जमीन अपने अधिकार में लो, जमीन के चारों तरफ दीवार बनाओ. डीडीए ने अदालत के आदेश का पालन किया. अब नमाज पढ़ने की इजाजत किस लिए? अब कौन सा मामला रह गया है जो निपटाया जाएगा? किसी को कोई दंड नहीं दिया गया. मुख्य मंत्री और ईमाम ने जो किया उसे अदालत की अवमानना ही नहीं माना गया. कारों और बसों को जो नुकसान पहुँचाया गया  उसकी भरपाई किसी से नहीं करवाई गई. 

यह कैसा कानून है? यह कैसा निर्णय है? क्या मुख्य मंत्री और ईमाम पर देश का कानून लागू नहीं होता? क्या एक धर्म विशेष के लोगों पर देश का कानून लागू नहीं होता? अगर डीडीए की जमीन पर अतिक्रमण करके एक मंदिर बना दिया जाता, हिन्दू धर्म के नाम पर तोड़-फोड़ की जाती, तब भी अदालत का निर्णय यही होता या कोई और?