
दिल्ली सरकार की मुख्य मंत्री दौड़ी हुई ईमाम बुखारी के पास गईं और उन्हें वचन दिया कि गैरकानूनी मस्जिद को वह फिर से बनबायेंगी. उनका यह वचन दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश का खुला उल्लंघन है जिस में कोर्ट ने डीडीए को इस गैरकानूनी मस्जिद को गिराने का आदेश दिया था और उस आदेश का पालन हो गया, यह रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने को कहा था. ख़बरों में यह भी कहा गया है की भारत के गृह मंत्री चिदंबरम और शहरी विकास मंत्री जयपाल रेड्डी ने भी इमाम को यह वचन दिया है. इस का अर्थ यह हुआ कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार दोनों चंद मुस्लिम वोटों के लिए देश के कानून और अदालत के आदेश को कोई महत्त्व नहीं देतीं. मुस्लिम वोटों के लिए वह कोई भी गलत काम करने के लिए तैयार हैं.
कांग्रेस के बाद ईमाम के दरबार में समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह पेश हुए. उन्होंने भी गैरकानूनी मस्जिद को बनबाने का वचन दिया. अब देखना यह है कि इमाम के कहने पर मुस्लिम मतदाता किस के गले में वरमाला पहनाते हैं, कांग्रेस के या समाजवादी पार्टी के?
जब यह नेता और सरकारें ईमाम के दरबार में हाजिरी बजा रहे थे तब कांग्रेस सरकार पुष्प विहार में एक मंदिर को गिरा रही थी. ख़बरों के अनुसार यह मंदिर भी गैरकानूनी तौर पर सरकारी जमीन पर बना हुआ था पर इसे गिराने का आदेश अदालत से नहीं मिला था, बल्कि वह एक सरकारी धार्मिक समिति ने दिल्ली के राज्यपाल की सहमति से दिया था. मंदिर फिर से बनबाने के लिए न तो दिल्ली की मुख्य मंत्री और न केन्द्रीय मंत्री और न ही मुलायम किसी पुजारी के दरबार में हाजिर हुए और कोई वचन दिया.
सरकार धर्म निरपेक्ष हैं, पर मस्जिद और मंदिर पर उनकी नीति अलग है. कांग्रेस और मुलायम का यह नंगापन किसी वुद्धिजीवी को नजर नहीं आता. उन्हें तो बस बीजेपी और हिन्दू ही धर्मांध नजर आते हैं. कब तक चलेगा यह सब? कब तक वर्दाश्त करेंगे हिन्दू कांग्रेस के इस दोगलेपन को?
समाचार पत्रों क्या लिखा है:
'फिर से बनाई जाएगी ढहाई गई मस्जिद'
"साकेत में मंदिर ढहाए जाने के विरोध में धरना"
1 comment:
अदालत के आदेश से यह तय हो गया है कि ढांचा अवैध रूप से सरकारी जमीन पर बनाया गया था. एक अपराध करके यह लोग न्याय और नमाज के अधिकार की बात करते हैं. जहाँ तक मैं समझता हूँ, इस्लाम इस तरह मस्जिद बनाने और वहां नमाज पढने की इजाजत नहीं देता. अगर दिल्ली सरकार वहां नमाज पढने की इजाजत देती है तब वह अदालत के आदेश का अपमान करती और साथ ही इस्लाम के सिद्धांतों का भी अपमान करती है. बुखारी लोगों को अपनी चौधराहट चलाने के लिए उकसा रहा है, ऐसा करके वह खुद इस्लाम के खिलाफ काम कर रहा है.
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