

जंगपुरा की रेजिडेंट्स वेलफेयर असोसिएशन ने दिल्ली हाई कोर्ट में दिल्ली की मुख्य मंत्री और शाही ईमाम के खिलाफ अदालत की अवमानना का मुकदमा दाखिल किया है. दिल्ली हाई कोर्ट ने डीडीए को यह आदेश जारी किया था कि जंगपुरा में अवैध रूप से सरकारी जमीन पर बनाई गई मस्जिद को गिरा दिया जाय और उसके बाद अदालत के आदेश का पालन हो गया है, इसकी रिपोर्ट अदालत में दाखिल की जाय. इस आदेश की खुली अवहेलना करते हुए दिल्ली की मुख्य मंत्री ने दिल्ली के शाही ईमाम को वचन दिया कि वह इस टूटी मस्जिद को दुबारा बनबायेंगी. इसके साथ ही उन्होंने टूटी मस्जिद की जगह शुक्रवार को नमाज पढने की इजाजत दी. उनके आदेश की छत्रछाया में शाही ईमाम ने मुसलमानों का नेतृत्व करते हुए उस जगह नमाज पढ़ी. इसके लिए उन्होंने जामा मस्जिद में नमाज का नेतृत्व करने की अपनी परम्परा भी तोड़ दी. नमाज पढने के दौरान, कुछ मुसलमानों ने वहां एक दीवार बनानी शुरू कर दी, और शाम तक उस जगह को ईंटों की दीवार और टीन की शीटों से कवर कर दिया.
हाई कोर्ट ने अदालत की अवमानना की याचिका दाखिल कर ली है और उस पर सुनवाई के लिए सोमवार का दिन तय किया है. अब देखना यह है कि अदालत इन्हें कोई सजा देती है या नहीं? अगर सजा दी गई तब इस प्रकार के धर्म के नाम पर सरकारी जमीन पर कब्ज़ा करने से लोग हिचकिचाएंगे. अगर सजा नहीं दी गई तब और लोग भी ऐसे अनाधिकृत कब्जे करने के लिए उत्साहित होंगे.
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सवाल ही नहीं पैदा होता
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