



दिल्ली हाई कोर्ट के आदेशानुसार डीडीए ने जंगपुरा में सरकारी जमीन पर गैरकानूनी तौर पर बनाई गई एक मस्जिद को गिरा दिया. इसका पता चलते ही दिल्ली की मुख्य मंत्री शाही ईमाम के पास दौड़ी हुई गईं और उन्हें वचन दिया कि वह मस्जिद को दुबारा बनबायेंगी. उनके आशीर्वाद और ईमाम के भड़काऊ भाषणों के बाद काफी लोग उस जगह पर शुक्रवार को नमाज पढने पहुंचे. खुद ईमाम भी जामा मस्जिद में नमाज न पढ़ कर जंगपुरा पहुंचे और उस जगह पर नमाज पढ़ी. पुलिस चुपचाप खड़ी देखती रही और कुछ लोग नमाज पढ़ते रहे और कुछ लोगों ने वहां दीवार बनानी शुरू कर दी. साथ की फोटो देखिये. वह जगह चारों तरफ से ईंटों और टीन की शीटों से घेर दी गई है.
उसके बाद समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह ईमाम के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे और मुस्लिम वोटों के लिए गिडगिडाए. उनके बाद नंबर था अमर सिंह और जयप्रदा का. अब मुस्लिम वोटों की दुल्हन किस के गले में वरमाला डालेगी?
इसी दिल्ली में पुष्प विहार में एक मंदिर भी गिरा दिया गया. वहां कोई नेता नहीं पहुंचा. ऐसा नहीं है कि हिन्दुओ ने कोई विरोध नहीं किया, उन्होंने शांति पूर्वक धरना दिया. वह सड़क पर भी पहुँच गए जिस के कारण एक घंटे तक यातायात में बाधा पड़ी. बस उन्होंने मुसलमानों की तरह प्राईवेट कारों और सरकारी बसों को तोडा-फोड़ा नहीं.
धर्म पर आधारित वोटों की गन्दी राजनीति करने वाली कांग्रेस और अन्य तथाकथित सेकुलर पार्टियों ने इस देश को घोर हानि पहुंचाई है और लगातार पहुंचा रही हैं.
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