

मंदिर टूटने पर हिन्दू शांत रहे, मुसलमानों की तरह कारों और बसों पर पथराव नहीं किया, इस लिए कोई नहीं आया यह कहने कि मंदिर फिर बनेगा, किसी ने कोई वचन नहीं दिया कि फिर से मंदिर बनाया जाएगा.
कुछ मुस्लिम वोटों के लिए यह धर्मांध नेता और सरकार हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं पर हर समय आघात करते रहते हैं. कब तक हिन्दू यह सहन करते रहेंगे?
2 comments:
अच्छा प्रयास है सुरेश जी लेकिन अब हमसबको जमीनी स्तर पर भी कुछ करना होगा अन्यथा हमसब आवाज उठाने के लायक नहीं बचेंगे....सिर्फ वोट बैंक को दोष नहीं दे सकते बल्कि इस वोट के पीछे भी शर्मनाक स्तर का साजिश किया जाता है भ्रष्ट मंत्रियों और अधिकारीयों द्वारा...
आपने सही कहा जय कुमार जी. अपने विचारों को सब के साथ बाँट कर उन्हें एक सिनर्जिक इफेक्ट प्रदान करना जरूरी है.
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